Virtual restaurant कैसे शुरू करे, How to Start Cloud Kitchen Business in India, Cloud Kitchen Setup Cost

बढ़ती हुई नई-नई टेक्नोलॉजीज के कारण आज फूड इंडस्ट्रीज में वर्चुअल रेस्टोरेंट ने एक नई पहचान बनाई है। यह कॉन्सेप्ट तब उभरा जब COVID-19 महामारी के दौरान रेस्टोरेंट जैसी सेवाएं बंद थीं। वर्चुअल रेस्टोरेंट न केवल एक ट्रेंड है; बल्कि यह एक स्थायी समाधान है जो फूड इंडस्ट्री को डिजिटल युग में ढाल रहा है।

Table of Contents

वर्चुअल रेस्टोरेंट क्या है?

वर्चुअल रेस्टोरेंट, जिसे “क्लाउड किचन” या “डार्क किचन” भी कहा जाता है, वर्चुअल रेस्टोरेंट एक ऐसा मॉडल है जिसमें कोई फिजिकल डाइन-इन स्पेस नहीं होता। ये केवल ऑनलाइन ऑर्डर लेने और डिलीवरी के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं। इन रेस्टोरेंट्स में ग्राहक नहीं आते बल्कि किचन में फूड तैयार किया जाता है और डिलीवरी एजेंट्स की मदद से ग्राहकों के घर पर सीधा डिलीवर किया जाता है। है।

खुद का वर्चुअल रेस्टोरेंट कैसे शुरू करे ?

लोकेशन

वर्चुअल रेस्टोरेंट खोलने के लिए सबसे पहले एक लोकेशन का पता करे जहां पर आप अपना फूड आइटम तैयार कर सकते हैं। आप ऐसी लोकेशन सस्ती दर में किराए पर लेकर भी किचन सेट अप कर सकते है ।

ऑनलाइन उपस्थिति

किचन सेट अप करने के बाद का स्टेप है अपने रेस्टोरेंट को Zomato और Uber eats जैसे फूड डिलीवरी साइट्स पर जोड़ना ताकि आपके आस पास के ग्राहकों को आपके रेस्टोरेंट के बारे में पता चले ।इसके अलावा ग्राहकों तक ज्यादा पहुंच बनाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी ले सकते है ।

ऑर्डर प्रोसेसिंग

ग्राहकों से ऑर्डर मिलने पर किचन में खाना तैयार कीजिए है और डिलीवरी पार्टनर के जरिए ग्राहक तक पहुंचाए।


वर्चुअल रेस्टोरेंट खोलने के लिए कितना निवेश करना होगा ?

किचन सेटअप का खर्च

वर्चुअल रेस्टोरेंट के लिए सबसे बड़ा खर्च किचन सेटअप पर ही होता है। इसमें कुछ उपकरण शामिल है जो इस प्रकार हैं-

  • रसोई उपकरण : ओवन, माइक्रोवेव, ग्रिल, डीप फ्रायर, ब्लेंडर आदि। इनका अनुमानित खर्च: ₹1,00,000 – ₹5,00,000 (किचन के आकार और गुणवत्ता के आधार पर)।
  • फर्नीचर और स्टोरेज : टेबल, स्टोरेज रैक आदि के लिए अनुमानित खर्च: ₹50,000 – ₹1,50,000
  • स्थान का किराया: वर्चुअल रेस्टोरेंट के लिए प्राइम लोकेशन की आवश्यकता नहीं होती। आप कम किराए वाले इलाके में एक छोटा किचन ले सकते हैं , अनुमानित स्थान का किराया: ₹10,000 – ₹50,000 प्रति माह (शहर और लोकेशन के आधार पर)।
  • स्टाफ वेतन: शुरुआत में आप अपने रेस्टोरेंट के लिए केवल एक शेफ, और दो किचन हेल्पर रखिए । शेफ के लिए मासिक खर्च 15 से 20 हजार और दोनों हेल्पर के लिए 20 से 25 हज़ार अनुमानित खर्च आयेगा । यानी कि 40 से 50 तक का महीने का स्टाफ खर्च।
  • खाद्य सामग्री (इन्वेंटरी) शुरुआती स्टॉक के लिए आपको गुणवत्ता वाली सामग्री खरीदनी होगी। जिसका अनुमानित खर्च: ₹20,000 – ₹50,000 तक होगा।
  • टेक्नोलॉजी और प्लेटफॉर्म शुल्क- फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म शुल्क – 15%-30% ,ऑर्डर मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर ₹5,000 – ₹15,000 (मासिक) ,वेबसाइट और मोबाइल ऐप (यदि आप अपना प्लेटफॉर्म बनाना चाहते हैं तो ): ₹50,000 – ₹2,00,000।
  • लाइसेंस और परमिट: FSSAI ₹2,000 से ₹10,000 – GST Registration ₹1,000 से ₹5,000 – नगर निगम की अनुमति और अन्य लाइसेंस: ₹5,000 से ₹20,000।

कुल अनुमानित निवेश – वर्चुअल रेस्टोरेंट शुरू करने के लिए आपका कुल प्रारंभिक निवेश लगभग 2 लाख से 10 लाख रुपए के बीच हो सकता है। यह खर्च आपके बिजनेस मॉडल, स्थान और ब्रांडिंग पर भी निर्भर करेगा।

वर्चुअल रेस्टोरेंट् के लिए निवेश को कम कैसे करें ?

  • साझा किचन किराए पर लें,
  • शुरुआती दिनों में सीमित मेनू रखें,
  • स्थानीय और किफायती सप्लायर्स से सामग्री खरीदें,
  • डिजिटल मार्केटिंग पर फोकस करें, जिससे पारंपरिक विज्ञापन खर्च बचाया जा सके।

वर्चुअल रेस्टोरेंट के फायदे

  • कम लागत
  • विविधता
  • संसाधनों की बचत
  • ग्राहकों की पसंद-नापसंद को समझ सकते हैं।

वर्चुअल रेस्टोरेंट के लिए चुनौतियां

  • विश्वास कायम करना मुश्किल हो सकता है।
  • तेजी से बढ़ते वर्चुअल रेस्टोरेंट बाजार में टिके रहना एक चुनौती है।
  • डिलीवरी की गुणवत्ता भी एक बड़ी चुनौती है
  • डिलीवरी ऐप्स पर निर्भरता के कारण कमाई पर असर पड़ता है।

भविष्य की संभावनाएं

वर्चुअल रेस्टोरेंट्स का भविष्य काफी उज्जवल है। जैसे-जैसे लोग सुविधाजनक और किफायती फूड विकल्पों की तलाश में हैं, वर्चुअल रेस्टोरेंट्स की डिमांड बढ़ती जाएगी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स जैसी तकनीकों के साथ, ये मॉडल और अधिक कुशल और ग्राहक-केंद्रित बन सकते हैं ।

निष्कर्ष

वर्चुअल रेस्टोरेंट्स ने फूड इंडस्ट्री में एक नई दिशा प्रदान की है। यह न केवल व्यवसायियों के लिए एक किफायती मॉडल है, बल्कि ग्राहकों को भी ताजा और स्वादिष्ट खाना घर बैठे प्राप्त करने की सुविधा देता है। यह ट्रेंड न केवल भविष्य का हिस्सा है, बल्कि आज के डिजिटल युग की भी एक अहम जरूरत है।


Virtual Restaurant FAQs अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. वर्चुअल रेस्टोरेंट क्या है?

    एक ऐसा बिजनेस मॉडल जिसमें सिर्फ ऑनलाइन फूड ऑर्डर लेने और डिलीवर करने के लिए खाना बनाया जाता है ।

  2. वर्चुअल रेस्टोरेंट और पारंपरिक (normal) रेस्टोरेंट में क्या अंतर है?

    वर्चुअल रेस्टोरेंट: इसमें ग्राहक घर बैठे डिलीवरी एप्स के जरिए फूड ऑर्डर करवाकर घर मंगवा सकते है |
    पारंपरिक रेस्टोरेंट- इसमें ग्राहक रेस्टोरेंट में बैठकर खा सकते हैं और टेबल सर्विस भी उपलब्ध होती है।

  3. वर्चुअल रेस्टोरेंट कैसे काम करता है?

    ग्राहक फूड डिलीवरी ऐप जैसे Swiggy, Zomato, Uber Eats पर ऑर्डर करते हैं।
    ऑर्डर मिलने के बाद खाना किचन में तैयार किया जाता है।
    फिर फूड डिलीवरी पार्टनर ऑर्डर किए गए फूड को ग्राहक तक पहुंचाते है।

  4. वर्चुअल रेस्टोरेंट शुरू करने के लिए क्या जरूरी है ?

    लोकेशन: किचन सेटअप के लिए एक छोटी जगह।
    फूड लाइसेंस: FSSAI रजिस्ट्रेशन और दूसरे अन्य कानूनी परमिट।
    सामग्री और स्टाफ: खाना बनाने के लिए जरूरी सामान , अनुभवी शेफ और हेल्पर ।
    डिजिटल प्लेटफॉर्म: फूड डिलीवरी ऐप्स पर रजिस्ट्रेशन या खुद की वेबसाइट।

  5. वर्चुअल रेस्टोरेंट का लाभ क्या है?

    कम लागत (इंटीरियर और डाइन-इन स्पेस की जरूरत नहीं होती है )
    ग्राहकों तक आसानी से पहुंच।
    एक ही किचन से कई ब्रांड्स चलाने की सुविधा।
    डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से मार्केटिंग आसान।

  6. क्या वर्चुअल रेस्टोरेंट्स केवल डिलीवरी के लिए होते हैं ?

    जी हां, वर्चुअल रेस्टोरेंट्स विशेष रूप से ऑनलाइन ऑर्डर और डिलीवरी के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। इनमें ग्राहक घर बैठे फूड ऑर्डर करता है और घर बैठे ही ऑर्डर पाता है। इनमें बैठकर खाने की सुविधा नहीं होती।

  7. वर्चुअल रेस्टोरेंट की डिलीवरी कितनी तेज होती है ?

    डिलीवरी की गति ऑर्डर के समय, दूरी और ट्रैफिक पर निर्भर करती है। आमतौर पर 30-45 मिनट के भीतर खाना डिलीवर हो जाता है। अगर रास्ते में किसी कारण जाम लग जाता है तो समय ज्यादा लग सकता है ।

  8. क्या वर्चुअल रेस्टोरेंट्स स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करते हैं?

    जी हां, वर्चुअल रेस्टोरेंट्स को FSSAI जैसे नियामक निकायों से लाइसेंस लेना पड़ता है जिनके कारण इनको FSSAI के नियमों का पालन करना पड़ता है और साफ-सफाई बनाए रखना होता है।

  9. वर्चुअल रेस्टोरेंट्स की डिलीवरी चार्ज कौन लेता है ?

    डिलीवरी चार्ज आमतौर पर फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जैसे Swiggy, Zomato, Uber Eats द्वारा लिया और तय किया जाता है, और ग्राहक इसे भुगतान करते हैं।

  10. क्या वर्चुअल रेस्टोरेंट में छूट और ऑफर मिलते हैं?

    जी हां, वर्चुअल रेस्टोरेंट्स अक्सर त्यौहार और पर्व के दिनों में प्रमोशनल ऑफर्स, डिस्काउंट और फूड डिलीवरी ऐप्स के कूपन कोड प्रदान करते हैं।

  11. क्या वर्चुअल रेस्टोरेंट्स में कस्टम ऑर्डर दिया जा सकता है?

    सभी वर्चुअल रेस्टोरेंट तो नहीं लेकिन कुछ व कस्टमाइजेशन की सुविधा देते हैं। हालांकि, यह उनकी पॉलिसीज और मेन्यू पर निर्भर करता है।

  12. क्या वर्चुअल रेस्टोरेंट्स का भविष्य उज्जवल है?

    जी हां, आने वाले 5 से 10 सालों में वर्चुअल रेस्टोरेंट् का भविष्य काफी उज्ज्वल होगा , क्योंकि लोग ऑनलाइन ऑर्डर और घर पर भोजन की सुविधा को प्राथमिकता दे रहे हैं।

Sunil Puri

Sunil Puri is a passionate content writer and blogger who transforms ideas into captivating narratives. Specializing in SEO-driven content, he crafts blogs, articles, and advertising copy that inspire action, drive traffic, and enhance brand visibility

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