इस सदी यानी कि सन 2000 से लेकर 2024 तक ये पहली बार हुआ है कि भारत का FDI ( foreign direct investment) $1 trillion पहुंचा है।
इस सप्ताह भारत ने अपने इतिहास में एक बहुत बड़ा माइलस्टोन हासिल किया है । हाल ही में DPIIT ( Department for Promotion of Industry and Internal trade ) के डाटा बता रहे है कि भारत में सन 2000 से अब तक FDI निवेश $1000 billion का निवेश हुआ है । इन आंकड़ों में बताया गया है कि अप्रैल 2000 से लेकर सितंबर 2024 तक Equity, reinvested और दूसरी पूंजी मिलाकर $1033-1040 billion FDI निवेश के रूप में मिले है ।
अगर भारत की GDP को देखे तो यह 2024 में $3.89 trillion के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है । भारत के 60 सेक्टर और लगभग भारत के हर राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश ( दोनों को मिलाकर 31 ) में विदेशी निवेश आया है ।
$1 trillion में से $709.84 billion का सबसे बड़ा FDI निवेश पिछले दशक ( April 2014 to September 2024 ) में रिकॉर्ड किया गया है । वित्तीय वर्ष 2024-2025 के first half में पिछले वित्तीय वर्ष के first half की तुलना में FDI में 26% की वृद्धि के साथ $42.1 billion का FDI निवेश आया ।
कहां से कितना आया इन्वेस्टमेंट
सबसे बड़े निवेशक का पूछा जाए तो आपके दिमाग में अमेरिका या चीन जैसे बड़े GDP वाले देश आ रहे होंगे लेकिन आप जानकर हैरान हो जाओगे कि सबसे ज्यादा FDI निवेश (25%) मॉरिशस से आया है , इसके बाद 24% के साथ सबसे ज्यादा FDI निवेश सिंगापुर से आया और इसके बाद 10% के साथ अमेरिका तीसरे नंबर पर है दूसरे देशों का देखा जाए तो कुल FDI का 7% नीदरलैंड से , 6% जापान से , 5% ब्रिटेन से और 3% UAE आया है ।
किस सेक्टर में कितना आया विदेशी निवेश?
अगर बात करे कि किस सेक्टर में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश हुआ तो यह Service सेक्टर और उससे जुड़े सेक्टर है जिनमें सबसे ज्यादा विदेशी निवेश किया गया जैसे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर , टेलीकम्युनिकेशन, ट्रेडिंग, कंस्ट्रक्शन , इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट , ऑटोमोबाइल , केमिकल्स और फार्मास्युटिकल्स आदि।
“Make in India” के पहल के चलते मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पिछले दशक की तुलना में 69% की FDI वृद्धि देखी गई ।
इन क्षेत्रों में एफडीआई की अनुमति नहीं
भारत में FDI निवेश दो रास्तों से आता है पहला है सरकार की अनुमति से और दूसरा बिना सरकार की अनुमति से यानी ऑटोमैटिक रूट से ।
टेलीकॉम , मीडिया , इंश्योरेंस और फार्मास्युटिकल्स जैसे सेक्टर में विदेशी निवेशकों को उनसे जुड़े विभागों से अनुमति लेनी पड़ती है । जबकि ऑटोमैटिक रूट में बहुत से ऐसे सेक्टर है जिनमें सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है बस निवेशक को उसके बार में RBI को निवेश करने के बाद बताना होता है ।
ऐसे कुछ सेक्टर है जिनमें विदेशी निवेशकों को निवेश करने की इजाज़त नहीं है जैसे लॉटरी , गैंबलिंग , निधि कंपनी, चिट फंड वगैरह।

Top 10 Manufacturing Business Ideas in India for 2025: High-Growth Opportunities Unveiled

Startup Mahakumbh 2025: A Grand Celebration of India’s Innovation

CSK’s Bold Strategy Fails as MI Set 156 in IPL 2025 Clash at Chepauk

Tata Nexon Red Dark Edition: बेहतरीन माइलेज और जबरदस्त फीचर्स के साथ भारत की पहली टर्बो-CNG SUV

BSNL की सिम खरीद लो : इन शहरों में लगेंगे हाइस्पीड मोबाइल टॉवर

BSNL यूजर्स को झटका! 10 फरवरी से बंद हो रहे ये 3 पॉपुलर रिचार्ज प्लान, जानें डिटेल्स

BSNL ने शुरू किया सस्ता Recharge Plan – मात्र ₹99 में अनलिमिटेड कॉलिंग!

Tata Sumo 2025: नए लुक, दमदार परफॉर्मेंस और शानदार माइलेज के साथ लौट रहा है SUV का बादशाह

Tata New Timero 2025: कम क़ीमत में मिलेंगे अनेक फीचर्स, टाटा की यह नई एसयूवी मचाएगी धमाल
Sunil Puri is a passionate content writer and blogger who transforms ideas into captivating narratives. Specializing in SEO-driven content, he crafts blogs, articles, and advertising copy that inspire action, drive traffic, and enhance brand visibility