पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना राजस्थान और मध्य प्रदेश में बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संकल्पित एक क्रांतिकारी परियोजना है। कई जिलों में प्रमुख जल संरचनाओं और सिंचाई प्रणालियों का निर्माण करके, इस परियोजना का उद्देश्य स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करना और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है।
यह महत्वाकांक्षी प्रयास लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने, किसानों को सशक्त बनाने और समग्र क्षेत्रीय विकास को आगे बढ़ाने के साथ-साथ जल चुनौतियों को प्रगति के अवसरों में बदलने का प्रयास करता है।
विस्तार
मानसून अवधि में काली सिंध पार्वती एवं चंबल नदियों का जल बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न कर बाद में समुद्र में मिल जाता है जबकि देश के राज्य के अन्य हिस्सों में जनता जल की कमी की वजह से प्यासी रहती है । जनता की ऐसी पीड़ा देखते हुए देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2022 में संशोधित पार्वती काली सिंध चंबल परियोजना की परिकल्पना की और उनके कुशल नेतृत्व में ऊर्जावान जल शक्ति मंत्री श्री सीआर पाटिल जी के द्वारा इस महत्वाकांक्षी परियोजना को प्राथमिकता प्रदान की गई।
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इस परियोजना के तहत मध्यप्रदेश में मालवा चंबल क्षेत्र में 15 जिलों मुरैना, शिवपुरी ,मंदसौर, गुना ,आगर-मालवा ,राजगढ़, उज्जैन, शाजापुर, धार ,भिंड, देवास, सीहोर, श्योपुर , रतलाम, ग्वालियर में 21 विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जायेगा । जिनके फलस्वरूप 43 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा और 2094 गांवों की लगभग 6 लाख 13 हजार हैक्टेयर भूमि में नवीन सिंचाई भूमि का विस्तार होगा ।
इसके साथ ही राजस्थान में परियोजना के अंतर्गत बारां जिले में रामगढ़ एवं महलपुर बैराज , अंधेरी सिंचाई परियोजना तथा कुनू बेसिन में 9 फव्वारा आधरित सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण किया जायेगा ।
झालावाड़ जिले में मनोहर थाना सिंचाई परियोजना मोड़ी एवं सोयला जलाशय तथा 33 फव्वारा आधरित सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण किया जायेगा । कोटा एवं बूंदी जिले हेतु नवरा बांध का निर्माण कार्य पूर्ण कर पाटली, सुखनी हरिपुरा एवं मेज जलाशय का निर्माण किया जायेगा ।
टोंक, अजमेर, केकड़ी एवं ब्यावर हेतु बिसलपुर बांध की भंडारण क्षमता की वृद्धिकरण , मोर सागर कृत्रिम जलाशय निर्माण , गलवा टोर सागर, लांबा हरिसिंह , पुष्कर आदि जलाशयों में जल अपवर्तन किया जायेगा ।सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, करौली , भरतपुर, डीग,एवं धौलपुर के लिए डूंगरी निमोद राठौड़ का निर्माण किया जायेगा तथा इन जिलों के खुरा चैनपूरा बंद बरेठा सुजान गंगा सीकरी अज़ान पांचना जग्गर पार्वती राम सागर एवं उर्मिला सागर आदि जलाशयों में जल अपवर्तन किया जायेगा ।
दौसा जिले में ईसरदा बांध से मोरेल एवं अन्य जलाशयों में जल अपवर्तन किया जायेगा। अलवर बहरोड़ कोटपुतली खैरथल तिजारा जिलों हेतु अलवर में कृत्रिम जलाशयों का निर्माण किया जायेगा। जयपुर कोटपुतली एवं दूदू जिलों हेतु रामगढ़ कालक छपरवाड़ा पुजारा आदि बांधो को ईसरदा बांध से जल उपलब्ध करवाया जाएगा ।
परियोजना से इन प्रदेशों को बाढ़ व सूखे की समस्याओं का स्थाई समाधान के साथ है 21 जिलों की सवा तीन करोड़ आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा और माननीय प्रधानमंत्री जी के किसानों की आय दुगना करने तथा विकसित राजस्थान के स्वप्न को साकार करने के लिए 25 लाख किसान परिवारों की 4 लाख 3 हजार हैक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी । तथा उद्योगों के विकास हेतु जल उपलब्ध होगा जिससे प्रदेश समग्र विकास के पथ पर अग्रसर होगा ।

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