हाल ही में दो जापानी कंपनियां होंडा मोटर्स और निसान मोटर्स ने पूरी तरह से मर्जर होने के लिए ज्ञापन पत्र ( mou ) पर दस्तख़त किए है। सोमवार को मर्जर के लिए कार्यवाही पूरी करते हुए इन दोनों कम्पनियों ने बताया कि जून 2025 तक इस डील को पूरा करेंगे और अगस्त 2026 तक एक साथ एक कॉमन कंपनी के रूप में दुनिया के सामने पेश होंगी ।
Honda Motor Co., Ltd | Nissan Motor Corporation | |
Native name | 本田技研工業株式会社 | 日産自動車株式会社 |
Romanized name | Honda Giken Kōgyō Kabushiki-gaisha | Nissan Jidōsha kabushiki gaisha |
Industry | Manufacturing | Automotive |
Founded | Hamamatsu, Japan (October 1946, incorporated 24 September 1948; 76 years ago) | 26 December 1933; 90 years ago (under Nissan Group) |
Founder | Soichiro Honda | Masujiro Hashimoto[ DAT line: Kenjiro Den Rokuro Aoyama Meitaro Takeuchi Yoshisuke Aikawa William R. Gorham |
Headquarters | Minato, Tokyo, Japan | Nishi-ku, Yokohama, Kanagawa Prefecture, Japan |
Owners | – JTSB investment trusts (6.46%) –TMTBJ investment trusts (4.71%) –Chase Bank ADRs nominated by Moxley & Co. (3.09%) –Meiji Yasuda Life (2.83%) –Tokio Marine (2.35%)(As of March 2014) | Renault (15% voting rights) |
क्यों होंडा मोटर्स और निसान मोटर्स एक हो रही है
आर्थिक रूप से मजबूत होने के लिए
- इस विलय का सबसे बड़ा कारण तो यही है कि अब टोयोटा और फॉक्सवैगन ग्रुप के बाद यह ग्रुप अब तीसरा सबसे बड़ा यूनिट बन जाएगा । जिससे पूरी दुनिया में यह अपने प्रतियोगियों को एक अच्छी टक्कर देगा । इसके बाद जापान में यह ग्रुप अब टोयोटा के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरेगा।
चाइनीज फैक्टर
BYD corp. और दूसरी चाइनीज कंपनिया जैसे Xpeng, Nio और Li auto के हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक कारों बढ़ता मार्केट होंडा मोटर्स और निसान मोटर्स के लिए खतरा बनता जा रहा है ।
लागत को कम करना
इस विलय का तीसरा बड़ा कारण यह है कि एक दूसरे को अपने प्लेटफॉर्म शेयर करने से उनकी मैन्युफैक्चरिंग लागत कम होगी। यह दोनों कंपनी एक साथ होकर इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ाना चाहते है ।
निसान मोटर्स की खस्ती हालात के कारण
निसान मोटर्स की फ्रांस की रेनॉल्ट कंपनी से डील रद्द होने के बाद हालात और बिगड़ते चले गए थे । पिछले महीने कंपनी ने एक घोषणा करी कि वह अपने ग्लोबल वर्कफोर्स के 6% नौकरियों को खत्म करेगी ताकि चल रहे घाटों से उभर सके ।
कौन बनेगा बड़ा प्लेयर
होंडा मोटर्स इस डील में ड्राइवर सीट पर बैठा है । नए ग्रुप के प्रेसिडेंट होंडा मोटर्स की तरफ से होगा और साथ ही इंटर्नल और एक्सटर्नल मामलों को संभालने के लिए भी ज्यादातर सदस्य होंडा ग्रुप की तरफ से होंगे। इस ग्रुप में मित्सुबिशी ग्रुप भी शामिल है ।
भारत में यह दोनों कंपनी कितनी सफल रही ।
अगर भारत की बात करे तो इन दोनों कम्पनियों को यहां थोड़ी सफलता जरूर मिली है लेकिन इसके लिए इन्होंने बहुत पापड़ बेले है । Mid level sedan मार्केट में होंडा का अलग ही भौकाल था लेकिन होंडा भारतीयों के दिमाग को सही से पढ़ नहीं पाई और SUV में फैल हो गई । हाइब्रिड टेक्नोलॉजी में होंडा मोटर्स बहुत आगे थी लेकिन मारुति सुजुकी और टोयोटा के एक होने के बाद यह यहां पर भी फैल हो गई ।
निसान भी अपनी मिनी एसयूवी Magnite के मामले में थोड़ी सफल रही थी लेकिन इसको आगे और अधिक बढ़ा नहीं पाई और दूसरे कोई ढंग के मॉडल पेश नहीं कर पाई जो भारतीय ग्राहकों को संतुष्ट कर सके। अब उम्मीद की जा रही है कि दोनों का एक साथ होना इनके लिए फायदेमंद होगा जो इनका पारस्परिक सहयोग ग्लोबल लेवल पर बड़े ऑटो जायंट्स को टक्कर देने में सक्षम होंगे ।
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